कहानी उस संगठन की जो किसानों के लिए आईटी सेल का काम कर रहा है, जिसने आंदोलन को हाईटेक बनाया

टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मुख्य मंच के पास ही एक टेंट लगा हुआ है। टेंट के भीतर चार-पांच युवा बैठे हैं और सभी अपने-अपने मोबाइल पर तेजी से कुछ टाइप कर रहे हैं। पूछने पर मालूम चलता है कि ये लोग असल में किसानों के आईटी सेल का काम कर रहे हैं। मंच से जो भी घोषणाएं हो रही हैं, आंदोलन से जुड़े जो भी नए अपडेट आ रहे हैं, ये लोग उन्हें तेजी से सोशल मीडिया के जरिए एक-एक किसान तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें – EPFO ने Pensioners के लिए Online जीवित प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate / Jeevan Pramanpatra) जमा करने की तिथि फरवरी 2021 तक बढाई


इन युवाओं में कोई इंजीनियरिंग का छात्र है, कोई स्कूल का छात्र है, तो कोई ग्रैजुएशन या पोस्ट-ग्रैजुएशन का छात्र। कुछ ऐसे भी हैं, जो कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं और किसी मल्टी-नैशनल कंपनी में नौकरी कर रहे हैं। सोशल मीडिया का पूरा ऐल्गोरिद्म बारीकी से समझने वाले ये युवा असल में जमींदारा छात्र सभा यानी JSO के वॉलंटियर्स हैं। ये वही छात्र संगठन है, जिसने किसानों के इस आंदोलन को हाईटेक बनाने और सोशल मीडिया पर इस आंदोलन की जबरदस्त उपस्थिति दर्ज करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई है।

यह भी पढ़ें – अब मूल्यांकन के आधार पर तय होगी परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों की Annual Confidential Report - ACR (वार्षिक गोपनीय आख्या)


किसानों के इस आंदोलन पर कई बार यह सवाल उठाए गए हैं कि आखिर गरीब और अनपढ़ किसान कैसे ट्विटर पर इतना सक्रिय हो सकता है? वह कैसे नए-नए हैश टैग चला सकता है? कैसे ट्रेडिंग टॉपिक की समझ रखता है और कैसे सोशल मीडिया पर इतना मजबूत दखल रख सकता है? इस तरह के सभी सवालों का एक ही जवाब है - जमींदारा छात्र सभा।

यह भी पढ़ें - Cryptocurrency क्या है हिंदी में (What is Cryptocurrency in Hindi), Cryptocurrency के प्रकार, Cryptocurrency कैसे काम करती हैं और फायदे एवं नुकसान क्या क्या हैं


इस संगठन से जुड़े नवीन दहिया पेशे से इंजीनियर हैं और इन दिनों गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम करते हैं। नवीन कहते हैं, ‘हम किसान के बेटे हैं। आज नौकरी करने लगे हैं, लेकिन हमारा मूल काम किसानी ही है। आज जब हमारे बाप-दादा यहां सड़क पर हैं, तो हम उनके आंदोलन को अपनी पूरी क्षमता से मजबूत कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर क्या और कैसे ट्रेंड करवाना है, ये हम बहुत बारीकी से समझते हैं। यही काम जब हम अपनी कंपनी के लिए कर सकते हैं, तो अपने बाप-दादा के लिए तो पूरी जान लगा कर करेंगे।’

यह भी पढ़ें - घर में नाखून की सुरक्षा एवं देखभाल करने के लिए आसान उपाय


‘जमींदारा छात्र सभा’ का गठन साल 2016 में हुआ था। हरियाणा से शुरू हुए इस संगठन की पकड़ राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मजबूत हो चुकी है।

जमींदारा छात्र सभा के महासचिव मीत मान बताते हैं कि उनके इस संगठन में फिलहाल 28,352 सक्रिय सदस्य जुड़े हुए हैं। ये लोग किसानों के किसी मुद्दे को जब एक साथ ट्वीट करते हैं, तो आसानी से उसे ट्विटर पर सबसे ऊपर ट्रेंड करने वाला मुद्दा बना देते हैं। इनमें से करीब 150-200 सदस्य हर समय टिकरी बॉर्डर पर मौजूद रहते हैं और हर नई जानकारी को सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने के काम करते हैं।

यह भी पढ़ें - क्या आप जानते हैं कि Facebook Messenger App (फेसबुक मैसेंजर एप्लीकेशन) में एक Secret Inbox भी होता हैं


जमींदारा छात्र सभा का गठन साल 2016 में हुआ था। हरियाणा से शुरू हुए इस संगठन की पकड़ आज राजस्थान के आठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में भी मजबूत हो चुकी है। संगठन के लोग दावा करते हैं कि हरियाणा के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी में उनके संगठन ने छात्र संघ चुनावों में भी मजबूत स्थिति बना ली है और उनके कई प्रतिनिधि आज छात्र संघ का हिस्सा है।

यह भी पढ़ें - नीला सियार पंचतंत्र की कहानी हिंदी में , Blue Jackal Panchtantra Story In Hindi


मीत मान बताते हैं, ‘संगठन का मुख्य उद्देश्य है कि गांव के माहौल को बचाया और बढ़ाया जाए। पढ़ाई से लेकर खेल तक हर सुविधा के लिए बच्चों को जो शहर जाना पड़ता है, इसे रोकना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। जमीन से जुड़ा हर आदमी जमींदार है और हम उसी के लिए काम करते हैं। इसीलिए, संगठन का काम जमींदारा छात्र सभा रखा गया है। लेकिन इसके एक विंग जमींदारा सोशलिस्ट ऑर्गनाइजेशन भी है, जिसमें वो लोग शामिल हैं जो अब छात्र नहीं हैं और पढ़ाई पूरी कर चुके हैं।’

यह भी पढ़ें - High Security Registration Plate – HSRP / High Security Number Plate क्या हैं और Online Apply / Registration / Booking  कैसे करें हिंदी में, Home Delivery, Price, Fees एवं फायदे, Full Form Hindi में


इस संगठन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा हैं और इसके छात्र विंग के अध्यक्ष परवीन ढांडा। संगठन के लोग दावा करते हैं कि वे हरियाणा के अलग-अलग गांवों में कुल 22 लाइब्रेरी भी चला रहे हैं, जहां किसानों के लिए सिर्फ़ किताबें ही उपलब्ध नहीं हैं, बल्कि उन्हें तमाम दूसरी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। बुढ़ापा पेंशन से लेकर किसानों को सस्ते बीज उपलब्ध करवाना, फसल का रजिस्ट्रेशन करवाना और युवाओं के लिए रोजगार से संबंधित जानकारी जुटाने के काम भी इस लाइब्रेरी में होते हैं।

यह भी पढ़ें – बच्चों के फाउंडेशन रीडिंग स्तर का आकलन करने हेतु सम्बंधित असेसमेंट टूल्स को दीक्षा पोर्टल पर Upload करने के सम्बन्ध में आदेश


जमींदारा छात्र सभा के महासचिव मीत मान बताते हैं कि उनके इस संगठन में 28,352 सक्रिय सदस्य जुड़े हुए हैं।

किसान आंदोलन की शुरुआत से ही जमींदारा छात्र सभा ने अहम भूमिका निभाई है। सोशल मीडिया पर आंदोलन को बढ़ाने के साथ ही हरियाणा में अलग-अलग किसान संगठनों को एक साथ लाने का काम भी इस संगठन ने किया है। फिलहाल टिकरी बॉर्डर सबसे बड़ा लंगर भी यही संगठन चला रहा है और अन्य लंगरों को राशन और सब्जियां उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं लोगों के पास है।

यह भी पढ़ें – अब परिषदीय विद्यालयों एवं कार्यरत अध्यापकों की शिकायतों एवं समस्याओं का निराकरण Toll Free Number के माध्यम से किया जायेगा


मीत मान बताते हैं, ‘हमारे संगठन के जितने लोग यहां टिकरी बॉर्डर पर मौजूद हैं, उससे ज्यादा यहां से बाहर रहकर काम कर रहे हैं। जैसे कुछ लोग हिमाचल बॉर्डर पर काम कर रहे हैं, ताकि वहां से आने वाली सब्जियां जल्द से जल्द यहां पहुंच सकें, तो कुछ लोग पंजाब से आ रहे दूध की सप्लाई देख रहे हैं। आंदोलन को सोशल मीडिया के जरिए जन-जन तक पहुंचाने के काम तो सभी लोग कर ही रहे हैं।’

यह भी पढ़ें - Bitcoin क्या है हिंदी में (What is Bitcoin in Hindi), Bitcoin कैसे काम करता हैं और फायदे एवं नुकसान क्या क्या हैं, Bitcoin Price in India, Bitcoin Mining, Bitcoin Trading, Bitcoin Exchange


किसानों के लिए किसी समर्पित आईटी सेल से भी बेहतर सोशल मीडिया मैनेजमेंट करने वाले जमींदारा छात्र सभा को अलग-अलग यूनिवर्सिटी से आए छात्रों का भी साथ मिल रहा है। टिकरी बॉर्डर पर ही पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के तमाम छात्र मौजूद हैं जो बेहद रचनात्मक तरीकों से सोशल मीडिया पर किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं।

यह भी पढ़ें - इस ट्रिक की सहायता से आप WhatsApp (व्हाट्सएप्प) Messenger पर वर्षों पुराने भेजे गए मैसेजों को भी बहुत आसानी से सभी के लिए Delete (Delete For Everyone) कर सकते हैं


जमींदारा छात्र सभा के आईटी सेल से जुड़े एक युवा कहते हैं, ‘राजनीतिक पार्टियों के आईटी सेल तो सिर्फ कॉपी-पेस्ट का काम करते हैं। जो अपने लोगों का इस्तेमाल सिर्फ भीड़ की तरह करते हैं। हमारे यहां ऐसा नहीं है। किसान हमारे मापे (मां-पिता) हैं, इसलिए हम आंदोलन से सरोकार रखते हैं। यहां सिर्फ कॉपी-पेस्ट का काम नहीं होता। हम सभी एक ही हैश टैग पर ट्वीट जरूर करते हैं, लेकिन सभी ट्वीट अलग होते हैं। इसलिए हमारा कंटेंट पूरी तरह से ऑर्गेनिक होता है और जल्दी दूर तक पहुंचता है। हमारे बाप-दादाओं ने खेती करके ही हमें इंजीनियर बनाया है। आज हम उसी इंजीनियरिंग की सीख का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि खेती बची रहे।’


Blogger Sitemaps Generator

Blogger Meta Tag Generator



Source From
RACHNA SAROVAR

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget