दुनिया को वुहान की सच्चाई दिखाने वाली को 4 साल की कैद, कोरोना पर विरोधी आवाजें दबाने के लिए क्या कर रहा चीन?

चीन में एक पत्रकार को 4 साल की जेल की सजा सिर्फ इसलिए दे दी गई, क्योंकि उन्होंने कोरोना पर रिपोर्ट की थी। उस पत्रकार का नाम है झैंग झान। झैंग को झगड़ा करने और मुसीबत पैदा करने का दोषी ठहराया गया है। चीन में विरोध करने वालों के खिलाफ ऐसी धाराएं लगाई जाती हैं, लेकिन झैंग झान कौन हैं? उन्होंने क्या किया था? और कोरोना के दौरान चीन ने कैसे सेंसरशिप लगाई? आइए जानते हैं...

सबसे पहले झैंग झान हैं कौन?

  • 37 साल की झैंग झान चीन में बतौर सिटीजन जर्नलिस्ट काम करती हैं। वो पहले वकील रही हैं। फरवरी 2020 में झैंग वुहान शहर पहुंची, जहां उस वक्त कोरोना अपने पीक पर था, क्योंकि उस वक्त चीन की सरकार का पूरा फोकस कोरोना को कंट्रोल करने पर था इसलिए उस समय सेंसरशिप में थोड़ी ढील भी थी।
  • एक इंटरव्यू में झैंग ने बताया था कि जब वुहान में कोरोना फैलना शुरू हुआ और लोगों ने यहां के हालातों को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू किया, तो वो खुद यहां के हालात जानने के लिए आ गईं। वुहान में झैंग ने अलग-अलग इलाकों से रिपोर्ट की। भीड़ से भरे हुए अस्पतालों, पत्रकारों की गिरफ्तारियों जैसे मुद्दे पर रिपोर्टिंग की।
  • झैंग ने रिपोर्टिंग के दौरान चीनी सरकार की भी आलोचना की। झैंग ने एक वीडियो में कहा था, 'जिस तरह चीन की सरकार वुहान को मैनेज कर रही है, वो डराने वाला है। ये वाकई इस देश के लिए बहुत बड़ी त्रासदी है।'
  • झैंग ने 2019 में हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का सपोर्ट किया था, जिसके बाद भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल 14 मई को झैंग लापता हो गई थीं, बाद में पता चला था कि उन्हें शंघाई में गिरफ्तार कर लिया गया है।
चीन में झैंग झान की रिहाई की मांग भी हो रही है।

झैंग पर क्या आरोप हैं?

  • नवंबर 2020 में झैंग के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने वीचैट, ट्विटर और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर लिखकर, वीडियो बनाकर और दूसरे माध्यमों से झूठी जानकारियां फैलाईं।
  • उनके ऊपर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने विदेशी मीडिया को इंटरव्यू दिए और वुहान में कोरोनावायरस को लेकर गलत और भ्रामक जानकारियां दीं। 28 दिसंबर को इसके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया और 4 साल कैद की सजा सुनाई है।
  • झैंग के वकील जांग केके का कहना है कि गिरफ्तारी के विरोध में झैंग भूख हड़ताल पर हैं और उनकी तबीयत बेहद खराब हो गई है। उनके वकील का ये भी कहना है कि झैंग को फीडिंग ट्यूब के जरिए जबरदस्ती खाना खिलाया जा रहा है।

कोरोना पर विरोधी आवाजें दबाने के लिए चीन ने क्या-क्या किया?

  • ली वेनलियांग याद हैं आपको। ये वही डॉक्टर हैं, जिन्होंने पहली बार बताया था कि वुहान में सार्स की तरह वायरस फैल रहा है। ली पर सरकार ने अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया था। बाद में ली की मौत भी कोरोना से हो गई थी।
  • बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सरकार ने वुहान में कोरोना पर रिपोर्टिंग को लेकर कई पत्रकारों और सिटीजन जर्नलिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की। कुछ पत्रकार गायब भी हो गए। इनमें चेन क्वीशी, फेंग बिन जैसे पत्रकार भी शामिल हैं।
  • झैंग झान की तरह ही ली झेहुआ भी सिटीजन जर्नलिस्ट हैं। उन्होंने भी यूट्यूब पर वीडियो पोस्ट कर वुहान के हालात बताए थे। फरवरी में उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें बताया था कि पुलिस की कार उनका पीछा कर रही है। बाद में ली लापता हो गए थे। दो महीने बाद उनका एक वीडियो आया, जिसमें उन्होंने बताया कि वो क्वारैंटाइन हैं।

प्रेस पर सेंसरशिप के मामले में चीन दुनिया का 5वां देश
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट यानी CPJ के मुताबिक, प्रेस पर सेंसरशिप के मामले में इरीट्रिया पहले नंबर पर है। यहां 2001 से ही इंडिपेंडेंट मीडिया पर रोक है। 5वें नंबर पर चीन है। चीन में बिना साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी के सोशल मीडिया या ऑनलाइन कोई भी न्यूज नहीं दी जा सकती। चीन में 2020 में 47 पत्रकारों को जेल में डाला गया।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
who is chinese journalist zhang zhan who jailed for 4 year for china wuhan coronavirus reporting


Source From
RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget