यूं ताे साइबर हैकर सालभर तमाम कंपनियाें और बैंकाें के डेटा में सेंध लगाते रहते हैं, लेकिन फेस्टिव सीजन में एक अलग ट्रेंड दिखने लगा है। इन दिनाें हैकर्स की नजर फूड कंपनियाें और मिठाई दुकानाें के डेटा पर है। प्रतिद्वंद्वी कंपनियां स्टोर्स का ऐसा डेटा खरीदकर अपनी रणनीति बनाती हैं और अपने प्रोडक्ट बाजार में उतारती हैं।
हाल ही में हैकर्स ने देश के दाे बड़े ब्रांड हल्दीराम और मिठास समेत कई नामी प्रतिष्ठानों के डेटा को निशाना बनाया है। दाेनाें समूहाें ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में 10 दिन के अंदर मामले दर्ज कराए हैं। साइबर एक्सपर्ट कंपनियों के पास आए मामलों के अनुसार देशभर में लाॅकडाउन के बाद से 50 से अधिक छोटी-बड़ी फूड और मिठाई कंपनियाें पर साइबर हमले हुए हैं।
ऑनलाइन कारोबार है
सभी नामी फूड ब्रांड का देशभर में काराेबार ऑनलाइन है। रिटेल काउंटर पर ग्राहकाें की बिलिंग से लेकर प्राॅडक्शन और ब्रांडिंग सब ऑनलाइन जुड़ा है। लगभग सभी कंपनियाें की अपनी वेबसाइट हैं। मिठाई या फूड कंपनियों के पास अपना मार्केटिंग डेटा होता है। वहीं रोज होने वाली बिलिंग से पता चलता है कि त्याेहार के दाैरान किस राज्य के कौन से शहर के किस इलाके में किस प्रकार की मिठाई या नमकीन की खपत ज्यादा है।
साइबर क्रिमिनल्स ग्रुप में अटैक करते हैं, मोटी रकम लेकर डेटा बेच देते हैं
फूड कंपनी हल्दीराम के एक अधिकारी ने बताया कि हैकर ने मेल भेजकर चैट करने को कहा। इसी दाैरान उसने माेटी रकम की मांग की। दूसरी फूड कंपनी मिठास के अधिकारी के अनुसार सर्वर में रैनसमवेयर वायरस का अटैक हुआ। इससे कंपनी का काम ठप हो गया।
पांच साल का डेटा हैक कर लिया गया। उत्तर प्रदेश की साइबर सेल के प्रभारी आईपीएस अधिकारी त्रिवेणी सिंह बताते हैं कि साइबर क्रिमिनल्स समय के अनुसार टारगेट कर ग्रुप में अटैक कर रहे हैं। इस तरह के 10 से 12 फीसदी मामले ही दर्ज होते हैं। अभी फेस्टिवल सीजन है, इसलिए मिठाई या फूड कंपनियाें का डेटा हैक किया जा रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
- हैकर्स कंपनी के एडमिन या आईटी की मेल आईडी से कर्मचारियों को मेल भेजते हैं। मेल खोलते ही कंप्यूटर हैक हो जाते हैं।
- सिक्यूरिटी सिस्टम अपडेट न होने पर सर्वर हैक किया जा सकता है।
- मेल पर लालच देकर या आपत्तिजनक फोटो दिखाकर डेटा हैक किया जाता है।
- इससे बचने के लिए सिक्यूरिटी और साॅफ्टवेयर अपडेट करते रहें।
- कंपनियाें को साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट जरूर रखना चाहिए। कर्मचारी स्पैम ई-मेल के अटैचमेंट डाउनलोड न करें।
- अहम डेटा का बैकअप ऑफलाइन रखें।
अमित दुबे, आईआईटी खड़गपुर और कनिष्क गाैड़, इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन
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Source From
RACHNA SAROVAR
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