करवा चौथ के बाद 8 नवंबर को संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाएगा अहोई अष्टमी और भानु सप्तमी व्रत

हिंदू कैलेंडर का कार्तिक महीना सौभाग्यवती महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। इस महीने की शुरुआत में सुहाग पर्व यानी करवा चौथ मनाया जाता है। ये व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इसके 3 दिन बाद अहोई अष्टमी व्रत संतान की अच्छी सेहत और मुसीबतों से बचाने के लिए किया जाता है। कार्तिक महीने के रविवार को सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी व्रत भी किया जाता है। इसमें संतान की कामना से सूर्य की पूजा की जाती है। इस बार 8 नवंबर रविवार को सूर्योदय सप्तमी तिथि में होगा और इसके बाद अष्टमी पूरे दिन होने से ये दोनों व्रत इसी दिन किए जाएंगे।

अहोई अष्टमी व्रत
ये व्रत 8 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर नहाकर व्रत का संकल्प लेती हैं। इसके बाद पूरे दिन व्रत रखकर शाम को सूर्यास्त के बाद माता की पूजा करती हैं और इसके बाद व्रत पूरा करती हैं। कुछ महिलाएं संतान प्राप्ति और अखंड सुहाग प्राप्ति की कामना से भी ये व्रत करती हैं।

इसका महत्व: इसे कृष्णा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। मथुरा के राधा कुंड में इस दिन बहुत सारे लोग स्नान करने आते हैं। ये व्रत खासतौर से यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश में मनाया जाता है। इस दिन माताएं अपने बेटों के लिए अहोई माता का व्रत रखती हैं। उनकी पूजा करती हैं और अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना करती हैं। चंदमा की पूजा से ये व्रत पूरा किया जाता है। बच्चों की कामना रखने वाले लोगों के लिए ये व्रत बहुत खास माना जाता है।

भानु सप्तमी
भानु सप्तमी के दिन महिलाएं सुबह सूरज उगने से पहले ही नहा लेती हैं। फिर तांबे के बर्तन में पानी भरकर तथा उसमें लाल चंदन, अक्षत, लाल रंग के फूल डालकर सूर्य देव को ॐ सूर्याय नमः कहते हुए अर्घ्य देकर पूजा करती हैं। इसके बाद संतान प्राप्ति और संतान की अच्छी सेहत के लिए प्रार्थना की जाती है। इसके साथ ही महिलाएं दिनभर व्रत रखने का संकल्प लेती हैं। इस दिन खाने में नमक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

इसका महत्व: इस दिन भगवान सूर्य की पूजा और जल चढ़ाने से हर तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। पूरे दिन व्रत रखने से जिन महिलाओं को संतान नहीं है उन्हें जल्दी ही संतान मिलती है। इस व्रत को करने से संतान की सेहत संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। उम्र बढ़ती है और मनचाहा फल भी मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि जो इस दिन गंगा स्नान करके सूर्य भगवान को जल चढ़ाता है, उसकी उम्र भी बढ़ जाती है। ऐसा करने से हर तरह के रोग, दोष और शोक दूर हो जाते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Ahoi Ashtami and Bhanu Saptami fasting will be done on November 8 for long life after Karva Chauth


Source From
RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget