विचार- अकेली स्त्री असुरक्षित क्यों है? ये सवाल हमेशा उठता रहा है। क्या दोष समाज का है, क्या न्याय व्यवस्था ढीली है या अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं? स्त्री की देह पुरुषों के लिए केवल आकर्षण ही नहीं, अधिकार और अपराध का विषय भी बनता जा रहा है।
कहानी- सीताजी ने जब पंचवटी में सोने का हिरण देखा, तो वो तो इतना जानती थी कि ये तो अद्भुत है और जीवन में इससे पहले हिरण का ऐसा रूप नहीं देखा। हालांकि, वह हिरण नहीं, रावण का मामा मारीच था। जो रावण के कहने पर वेश बदलकर आया था।
सीताजी ने अपने पति श्रीराम से कहा मुझे ये हिरण ला दीजिए। राम ने एक बार समझाया भी, आप मेरे साथ अयोध्या से सबकुछ छोड़कर आई हैं। तो फिर इस स्वर्ण मृग के प्रति आपका आकर्षण क्यों है? लेकिन, सीता कोई तर्क सुनने को तैयार नहीं थीं। स्वर्ण मृग का आकर्षण ही ऐसा था। उन्होंने श्रीराम से कहा कि आप कैसे भी ये मृग मेरे लिए ले आइए।
राम समझ गए कि अपनी पत्नी की इस जिद को पूरा करना ही पड़ेगा और वे दौड़ पड़े। लक्ष्मण को छोड़ गए, सीता की रक्षा के लिए। उधर उन्होंने जब मारीच को तीर मारा तो मारीच ने राम की आवाज में लक्ष्मण को पुकारा। सीता ने लक्ष्मण पर दबाव बनाया कि आप जाकर देखिए आपके भाई संकट में हैं।
न चाहते हुए भी लक्ष्मण चले गए और पीछे से रावण आ गया। रावण ने साधु का वेश बनाया था। सीता से आग्रह किया कि तुम्हें आश्रम की सीमा से बाहर आना पड़ेगा और सीता आई और उनका हरण हो गया।
यहां सीता ने हरण के बाद जो संवाद बोला वह ये था कि यदि रावण तुम साधु के वेश में नहीं होते तो तुम मेरा हरण नहीं कर सकते थे। मैं स्त्री होकर पुरुष के प्रत्येक स्वरूप का मान करती हूं। और तुम पुरुष होकर स्त्री का सम्मान नहीं करते।
सबक- स्त्रियों को अपनी सुरक्षा के लिए केवल बल की जरूरत नहीं है। छल से भी उन्हें सावधान रहना चाहिए। स्त्रियां घर में हों या बाहर, अतिरिक्त सावधानी रखिए। ऐसी अतिरिक्त सावधानी पुरुषों को रखने की जरूरत पड़ती, लेकिन स्त्री देह का गठन ऐसा है, अगर इसमें सावधानी नहीं रखी गई तो रावण जैसे अपराधी को अवसर मिल जाता है।
ये भी पढ़ें
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source From
RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS
Post a Comment
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.