देवता भी नहीं कर पा रहे थे रक्तबीज का वध, जहां-जहां गिरती थीं असुर के रक्त की बूंद, वहां-वहां पैदा हो जाता था रक्तबीज, मां दुर्गा ने किया था रक्तबीज का संहार

देवी दुर्गा के अनेक स्वरूप बताए गए हैं। देवी ने अलग-अलग दैत्यों के संहार के लिए कई अवतार लिए हैं। देवी दुर्गा ने महिषासुर, धूम्रविलोचन, शुंभ-निशुंभ जैसे कई दैत्यों का वध किया है। ऐसा ही एक महाशक्तिशाली दैत्य था रक्तबीज। इसकी कथा दुर्गा सप्तशती में बताई गई है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार रक्तबीज बहुत शक्तिशाली था। उसका वध सभी देवता मिलकर भी नहीं कर पा रहे थे। रक्तबीज ने शिवजी को प्रसन्न करके वर प्राप्त किया था। रक्तबीज को वरदान प्राप्त था कि जहां-जहां उसके रक्त की बूंद गिरेंगी, वहां-वहा रक्तबीज की तरह ही शक्तिशाली दैत्य पैदा हो जाएंगे।

देवताओं के साथ जब भी युद्ध होता तो जैसे ही किसी देवता के प्रहार से रक्तबीज के शरीर से रक्त बहता तो कई और रक्तबीज उत्पन्न हो जाते थे। इस वजह से देवता उसे पराजित नहीं कर पा रहे थे। इसके बाद देवताओं की प्रार्थना पर देवी दुर्गा ने रक्तबीज के साथ युद्ध किया।

माता उस दैत्य के अंगों को काटकर गिराती जाती थीं। जैसे ही उस असुर के रक्त की जितनी बूंद गिरतीं, उतने ही नए दैत्य उत्पन्न हो जाते थे। तब देवी ने चंडिका को आदेश दिया कि मैं जब इस राक्षस पर प्रहार करूं, तब-तब तुम इसका रक्त पी जाना। इससे नए राक्षस उत्पन्न ही नहीं हो पाएंगे।

चंडिका ने देवी की आज्ञा से ऐसा ही किया। चंडिका ने मुंह विकराल कर लिया और कई राक्षसों को निगल लिया। रक्तबीज के रक्त को धरती पर गिरने से पहले ही पी लिया। इस तरह देवी दुर्गा ने रक्तबीज का संहार कर दिया।

सिंह पर सवार होने वाली माता और माता चंडिका का पूजन, ध्यान करने से भक्तों की रोगों से रक्षा होती है। संकट के समय और रोगों से बचाव के लिए देवी का विशेष पूजन करना चाहिए।

देवी और रक्तबीज की कथा की सीख

रक्तबीज क्रोध, लालच, मोह जैसी बुराइयों का प्रतीक है। ये बुराइयां भी एक-दूसरे के संपर्क में आते ही बढ़ने लगती हैं। अगर इन बुराइयों को पनपने का समय मिल गया तो समस्याएं बढ़ जाती हैं। जैसे ही ये बुराइयां हमारे अंदर प्रवेश करती हैं, हमें तुरंत ही इन्हें खत्म कर देना चाहिए यानी इन्हें छोड़ देना चाहिए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
goddess durga and raktbeej story, goddess durga story, navratri 2020, durga pujan, significance of durga puja


Source From
RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget