उत्तराखंड की दो समधन ने 3 साल पहले शुरू किया ऑनलाइन गिफ्ट स्टोर, अब सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रु.

निशा ग्रेजुएट हैं और गुड्डी पांचवीं पास, लेकिन ये दोनों ऑनलाइन गिफ्टिंग प्लेटफाॅर्म ‘गीक मंकी’ की डायरेक्टर हैं। दोनों की उम्र भले ही 50 प्लस है, लेकिन इनका जज्बा किसी यंग एंटरप्रेन्योर से कम नहीं है। साल 2017 में इन्होंने अपने घर से गिफ्ट आइटम का बिजनेस शुरू किया था। उसी बिजनेस को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने से कंपनी का सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए का हो चुका है।

निशा गुप्ता एक बिजनेसमैन फैमिली से ताल्लुक जरूर रखती हैं, लेकिन 2017 से पहले वो बिजनेस के बारे में कुछ नहीं जानती थीं। उन्होंने घर पर ही एक छोटी सी दुकान खोली। यहां घरेलू सामान और गिफ्ट आइटम बेचने शुरू किए। वहीं, गुड्डी पहाड़ों के गांव में रहा करती थीं।

निशा ऑनलाइन गिफ्टिंग प्लेटफॉर्म ‘गीक मंकी’ की डायरेक्टर हैं। साल 2017 में इन्होंने अपने घर से गिफ्ट आइटम का बिजनेस शुरू किया था।

इन दोनों महिलाओं के साथ आने और बिजनेस करने की कहानी थोड़ी फिल्मी है। गुड्डी थपलियाल का बेटा अनिल और निशा गुप्ता की बेटी वैशाली एक-दूसरे से प्यार करते थे। दोनों ने एक साथ रोहतक के एक कॉलेज से एमसीए किया और फिर गुड़गांव में जॉब भी करने लगे।

2017 में जब दोनों ने अपने परिवार में शादी की बात रखी तो पहले तो दोनों ही परिवार नहीं माने, लेकिन बच्चों की जिद के आगे परिवार वालों ने शादी के लिए हामी भर दी। इसके बाद निशा और गुड्डी समधन बन गईं और दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। एक दिन गुड्डी ने अपने बेटे से कहा कि वो घर बैठे-बैठे बोर हो जाती हैं, उन्हें भी कुछ काम करना है।

इसके बाद अनिल और वैशाली के दिमाग में ऑनलाइन बिजनेस का आइडिया आया। उन्होंने ये आइडिया दोनों मम्मियों के साथ शेयर किया तो उन्हें भी ये आइडिया पसंद आया। फिर क्या था, दोनों ने छोटी सी तैयारी के बाद 2017 के अंत में गीक मंकी नाम से ऑनलाइन गिफ्टिंग प्लेटफाॅर्म की शुरुआत की।

दोनों के ऑनलाइन स्टोर में ग्राहकों के लिए 99 रुपए से लेकर 13 हजार रुपए तक के गिफ्ट आइटम मौजूद हैं।

लोकल आर्टिजन को जोड़ा और सिर्फ यूनीक गिफ्ट आइटम पर फोकस रखा

निशा कहती हैं, ‘मार्केट में पहले से ही ऑनलाइन गिफ्टिंग के कई ऐसे प्लेटफॉर्म मौजूद थे। अब हमारे सामने ये बड़ी चुनौती थी कि ऐसा क्या करें कि लोग हमारे प्लेटफॉर्म पर आएं। इसके बाद मैंने और गुड्डी ने अपने-अपने संपर्कों के जरिए लोकल आर्टिजन से संपर्क किया और उनके बनाए गिफ्ट आइटम्स अपने प्लेटफॉर्म पर रखना शुरू किया, साथ ही अपनी वेबसाइट पर सिर्फ यूनीक और बजट फ्रैंडली गिफ्ट ही रखने का निर्णय लिया और यही हमारी खासियत बनी।’

आज निशा और गुड्डी एक सफल बिजनेसमैन हैं, वे दोनों अपनी सफलता का क्रेडिट अपने स्थानीय आर्टिजन और ग्राहकों को देती हैं। 110 प्रोडक्ट से शुरू हुए इस बिजनेस में आज 1300 तरह के यूनीक गिफ्ट प्रोडक्ट देश के हर कोने में डिलीवर होते हैं। उनके पास 99 रुपए से लेकर 13 हजार रुपए तक के गिफ्ट आइटम मौजूद हैं।

गुड्डी थपलियाल पांचवीं तक पढ़ी हैं, लेकिन एक सफल बिजनेस वुमन हैं।

अब उनके काम इस काम में अनिल और वैशाली भी मदद करते हैं। निशा के बेटे हर्षित गुप्ता भी अपनी बैंक की नौकरी को छोड़कर मां की कंपनी में मार्केटिंग देखते हैं। निशा बताती हैं कि आज हमारे पास 12 लोगों का परमानेंट स्टाफ है, इसके अलावा 40 लोग बतौर फ्रीलांसर भी जुड़े हैं। जिनकी सर्विस जरूरत के मुताबिक लेते हैं।’

बिजनेस से जुड़े अनुभवों को याद करते हुए निशा और गुड्डी कहती हैं कि ‘पहला साल तो सीखने में ही चला गया। उस साल महज 15 लाख का ही टर्नओवर था, लेकिन इस साल हमने बहुत कुछ नया सीखा। यही वजह से है कि दूसरे साल में हमारा सालाना टर्नओवर 2 करोड़ तक पहुंच चुका है। अब हम इसमें हर साल 50% ग्रोथ के हिसाब से प्लानिंग कर रहे हैं।’

निशा कहती हैं कि लोकल आर्टिजन के लिए बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट और एप पर प्लेटफॉर्म तो मिल जाता है, लेकिन उसकी फॉर्मेलिटीज और कमीशन बहुत ज्यादा है, जिससे लोकल आर्टिजन को ज्यादा फायदा नहीं हो पाता है। अब हमारी कोशिश है कि अब हम दूसरे लोकल आर्टिजन को को भी अपने प्लेटफॉर्म पर लाएं। यहां हम उनसे किसी भी तरह की फीस नहीं लेंगे।

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उत्तराखंड के राजधानी देहरादून की निशा गुप्ता और चमोली जिले की गुड्डी थपलियाल। दोनों मिलकर ऑनलाइन बिजनेस करती हैं।


Source From
RACHNA SAROVAR
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