आचार्य वराहमिहिर और भर्तृहरी के सूत्र, जिनमें छुपा है सरल और सफल जीवन का मंत्र

आचार्य वराहमिहिर ने अपने ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता में नीतियों का भी ज्ञान दिया है। जो इंसान को सफल और सबसे अच्छा बनाती हैं। उनकी बताई गई बातों में मानव कल्याण की भावना है। आचार्य वराह मिहिर ने अपने ग्रंथ में बताया है कि इंसान के अच्छे गुणों से उसकी तारीफ उसी तरह सब जगह होती है जैसे फूलों की खुश्बू हवा में फैलती है। आचार्य वराहमिहिर पर शोध कर रहे काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि बृहत्संहिता में बताए सूत्रों में सिर्फ 5 बातों को ही अपने व्यवहार में लाकर कोई भी इंसान आसानी से सफल और अच्छा इंसान बन सकता है। इसके लिए लोगों की बुराई, घमंड और झूठ से बचना चाहिए। वहीं, विनम्र रहना और लोगों की मदद करना चाहिए। ऐसे ही इंसान को लोग पसंद भी करते हैं।

वराहमिहिर के बृहत्संहिता ग्रंथ में 75 वें अध्याय के श्लोक -

वाल्लभ्यमायाति विहाय मानं दौर्भाग्यमापादयतेअभिमानः।
कृच्छ्रेण संसाधयतेअभिमानी कार्याण्ययत्नेन वदन् प्रियाणि॥
तेजो न तद्यत्प्रियसाहसत्वं वाक्यं न चानिष्टमसत्प्रणीतम्।
कार्यस्य गत्वान्तमनुद्धता ये तेजस्विनस्ते न विकत्थना य् ।
यः सार्वजन्यं सुभगत्वमिच्छेद्गुणान् स सर्वस्य वदेत्परोक्षम्
प्राप्नोति दोषानसतोअप्यनेकान् परस्य यो दोषकथां करोति॥
सर्वोपकारानुगतस्य लोकः सर्वोपकारानुगतो नरस्य्
कृत्वोपकारं द्विषतां विपत्सु या कीर्तिरल्पेन न सा शुभेन् ।


लोगों की मदद करते रहें
बृहत्संहिता ग्रंथ का कहना है कि प्राण और पैसों से परोपकार करना चाहिए। क्योंकि दूसरों की मदद से जो पुण्य मिलता है, वो सौ यज्ञों को करने से भी नहीं मिल पाता है। इसके साथ ही दुश्मन का मुश्किल समय हो तब भी उसकी मदद करना महान काम है। लोगों की मदद करने वाले को सभी पसंद करते हैं। ऐसा इंसान कभी परेशानियों में नहीं उलझता।

दूसरों की बुराई न करें
जो दूसरों की बुराई करता है उस पर झूठे आरोप भी लगते हैं। जिससे दूसरों का अपमान हो, ऐसी बातें नहीं बोलनी चाहिए। अपने दोस्तों की गलतियां या बुराइयों की बातें भी अकेले में करनी चाहिए। लेकिन तारीफ सबके सामने करनी चाहिए।

घमंड नहीं करें
आचार्य वराहमिहिर का कहना है कि घमंड करने वाला इंसान दुखी ही रहता है। ऐसा इंसान अपने काम मुश्किल से ही पूरे कर पाता है। सही और गलत की पहचान नहीं कर पाता है। इस कारण कई तरह की बुराई में फंस जाता है। इसलिए घमंड से दूरी बनानी चाहिए।

विनम्रता को अपनाएं
जो इंसान विनम्र होता है वो ही धैर्य से काम करता है। ऐसा इंसान गुस्से पर जीत हासिल कर पाता है। विनम्रता के कारण ही वो अच्छे और बुरे की पहचान कर पाता है। जिससे वो कभी गलत काम नहीं करता। इस कारण ऐसे इंसान को लोग पसंद करते हैं।

हमेशा सच बोलें
आचार्य वराहमिहिर ने अपने ग्रंथ में कहा है कि झूठ बोलने की आदत से इंसान परेशान रहता है। एक झूठ की वजह से किए गए सौ अच्छे कामों का फल भी खत्म हो जाता है। ऐसे इंसान को कभी सम्मान नहीं मिलता है। झूठ बोलने वाले पर कोई भरोसा नहीं करता है। इस तरह सफलता नहीं मिल सकती।



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The sutras of Acharya Varahamihira and Bhartrihari, in which the mantra of simple and successful life is hidden


Source From
RACHNA SAROVAR
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