जिस प्रकार गंदे शीशे पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती, ठीक उसी तरह बुरे विचार वाले व्यक्ति पर भगवान की कृपा नहीं होती

काली माता के परम भक्त रामकृष्ण परमहंसजी का जन्म 1836 में बंगाल के कामारपुकुर नाम के एक गांव में हुआ था। इनका प्रारंभिक नाम गदाधर था। पिता का नाम खुदीराम और माता का नाम चंद्रादेवी था। गदाधर को बचपन से ही भरोसा था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते है। इसीलिए उन्होंने जीवनभर तप किया। माना जाता है कि उन्हें देवी कालिका ने दर्शन दिए थे।
इनके सबसे प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद थे। विवेकानंद ने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। परमहंसजी अपने शिष्यों और भक्तों को छोटी-छोटी कहानियों और अपने प्रेरक विचारों से उपदेश देते थे। उनकी मृत्यु 1886 में हुई थी। जानिए परमहंसजी के कुछ खास विचार...



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RACHNA SAROVAR
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