ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने खास तरह का बैंडेज तैयार किया है जो टूटी हुईं हडि्डयों को दोबारा जोड़ सकता है। यह एक तरह से प्लास्टर का काम करता है। चूहे पर सफल होने के बाद अब इंसानों पर इसके ट्रायल की तैयारी चल रही है। इसे किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है।
5 पॉइंट : ऐसे काम करता है बैंडेज
1. किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक डॉ. शुक्रि हबीब कहते हैं, यह बैंडेज काफी महीन और फ्लेक्सिबल है। यह बालों से महज 3 गुना मोटा है। ट्रीटमेंट के लिए जहां फ्रैक्चर हुआ है वहां बेहद छोटा सा चीरा लगातार बैंडेज लगाते हैं।
2. डॉ. हबीब के मुताबिक, बैंडेज में स्टेम सेल्स और बोन सेल्स हैं, ये फ्रैक्चर वाले हिस्से को कुदरती तौर पर भरने का काम करती हैं।
3. यह बायोडिग्रेडेबल बैंडेज है जो हडि्डयों को जोड़ने के बाद धीरे-धीरे शरीर में अवशोषित हो जाता है और इसका कोई साइडइफेक्ट नहीं दिखता।
4. चूहे में 8 हफ्तों तक बैंडेज लगे रहने के बाद एक्सरे किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, चूहे के सिर में डैमेज हुईं हडि्डयां जुई हुईं मिलीं।
5. वैज्ञानिकों का दावा है, यह बैंडेज सीवियर डैमेज में भी रिकवरी को तेज करेगा, खासतौर पर बुजुर्ग मरीजों में।
बाहरी संक्रमण का खतरा कम
रिसर्चर्स का दावा है कि शरीर के अंदरूनी हिस्से में बैंडेज काम करता है, इसलिए उम्मीद है कि ओपन फ्रैक्चर में होने वाले संक्रमण को यह कम करेगा। बैंडेज को खास तरह के पॉलिमर से तैयार किया गया है, इसका नाम पॉलिकेप्रोलैक्टोन है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इसे दवाओं और दांतों के लिए इलाज में इस्तेमाल करने के लिए पहले से ही अनुमति दे रखी है।
टीम में एक और बैंडेज बनाया
टीम ने इसके अलावा एक और बैंडेज बनाया है। इसे वो प्रोटीन है जो शरीर में पाया है। यह मांसपेशियों और दूसरे अंगों की ग्रोथ को बढ़ाने व रिपेयर करने का काम करता है। इसका इस्तेमाल ऑर्गन, मसल या टिश्यू इंजरी में होगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source From
RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS
Post a Comment