लीग की 8 में से 7 टीमों के कोच विदेशी; वजह- फ्रेंचाइजी बड़े नाम और रुतबे वाले कोच को महत्व देती हैं, अब तक हर बार विदेशी की कोचिंग में टीमें चैंपियन बनीं

आईपीएल के मौजूदा सीजन में 8 में से 7 टीमों के कोच विदेशी हैं, जबकि सिर्फ एक टीम का कोच भारतीय है। दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग हैं। ऐसे ही स्टीफन फ्लेमिंग चेन्नई सुपर किंग्स, ब्रेंडन मैक्कुलम कोलकाता नाइटराइडर्स, महेला जयवर्धने मुंबई इंडियंस, एंड्रयू मैक्डोनाल्ड राजस्थान रॉयल्स, ट्रेवर बेलिस सनराइजर्स हैदराबाद और साइमन कैटिच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कोच हैं। सिर्फ किंग्स इलेवन पंजाब के कोच अनिल कुंबले हैं।

इसकी वजह है कि फ्रेंचाइजी बड़े नाम और रुतबे वाले कोच को प्राथमिकता देती हैं। अब तक हुए 12 सीजन में हर बार विदेशी की कोचिंग में ही टीमें चैंपियन बनी हैं। न्यूजीलैंड के फ्लेमिंग दूसरे सीजन से सीएसके के कोच रहे हैं। टीम तीनों बार उनकी कोचिंग में ही चैंपियन बनी। सीएसके का लीग में जीत का प्रतिशत 61.28 है, जो किसी भी अन्य टीम से ज्यादा है।

बिग बैश लीग समेत अन्य टी-20 लीग में भारतीय कोच की संख्या नहीं के बराबर है
1. टीमों की जरूरत अलग-अलग: पूर्व सीईओ

मुंबई इंडियंस के पूर्व सीईओ शिशिर हतंगड़ी के मुताबिक, कोच के तौर पर आपका नाम और रुतबा बड़ा होना चाहिए। फ्रेंचाइजी वैसे नामों को ही प्राथमिकता देती हैं। दिल्ली कैपिटल्स के पूर्व सीईओ हेमंत दुआ ने बताया कि भारतीय कोचों के साथ भेदभाव नहीं होता है। टीमों की जरूरत अलग-अलग तरह की होती है। आईपीएल एक ग्लोबल लीग है। ऐसा नहीं हो सकता कि रणजी में अच्छा करने वाले कोच आईपीएल में कोचिंग करने लगें, क्योंकि दोनों अलग तरह की क्रिकेट है।

2. घरेलू खिलाड़ियों से फीडबैक लेते हैं: आकाश चोपड़ा
केकेआर के लिए खेल चुके आकाश चोपड़ा का कहना है कि शाहरुख खान ने तय किया कि बेस्ट कोच और सपोर्ट स्टाफ को शामिल किया जाए। इसलिए बुकानन, एंड्रयू लीपस टीम में आए। कप्तान घरेलू खिलाड़ियों के फीडबैक लेते हैं, जो किसी कोच के साथ खेल चुके हैं। अगर कोहली ने कर्स्टन को चुना, तो उन्होंने बेंगलुरु के खिलाड़ियों से बात की होगी।

3. कोच के लिए कोटा सिस्टम हो: राजपूत
मुंबई इंडियंस के पूर्व कोच लालचंद राजपूत सवाल करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग या किसी दूसरी टी-20 लीग में भारतीय कोचों को कितने मौके मिलते हैं? लेकिन, आईपीएल में हम अपने ही कोचों को अहमियत नहीं देते। भारतीय कोचों को प्रोत्साहित करने के लिए राजपूत कोच के लिए ‘कोटा सिस्टम’ की वकालत करते हैं। वे कहते हैं कि प्लेइंग इलेवन में 4 से ज्यादा विदेशी नहीं होते। उसी तर्ज पर कोचिंग में भी कुछ ऐसी ही व्यवस्था अपनाने की जरूरत है।

लक्ष्मण सनराइजर्स के मेंटर तो कैफ दिल्ली के बल्लेबाजी कोच
ऐसा नहीं है कि भारतीय कोच बिल्कुल ही नदारद हैं। वीवीएस लक्ष्मण जहां हैदराबाद में मेंटर हैं, तो मुंबई इंडियंस के लिए डायेरक्टर ऑफ क्रिकेट ऑपरेशंस जहीर खान हैं। राजस्थान ने स्थानीय खिलाड़ी दिशांत याज्ञनिक को फील्डिंग कोच चुना है। राजस्थान में पूर्व भारतीय साईराज बहुतुले भी हैं। धीरे-धीरे ही सही भारतीय खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। दिल्ली के लिए विजय दाहिया हेड टैलेंट स्काउट की भूमिका निभाते हैं। कैफ बल्लेबाजी कोच हैं।

अलग-अलग टीमों में वसीम जाफर, एल. बालाजी, अभिषेक नायर, ओंकार साल्वी सहायक कोच के तौर पर जुड़े नजर आते हैं। लेकिन हकीकत यही है कि कोचिंग का तकरीबन तीन-चौथाई हिस्सा विदेशियों से भरा है, ना कि भारतीयों से। आदर्श स्थिति में शायद ये अनुपात उल्टा होना चाहिए था।

ये भी पढ़ सकते हैं...

1. रिपोर्ट में दावा- रैना धोनी जैसा होटल का रूम नहीं मिलने से नाराज थे; सीएसके ने कहा- कामयाबी उनके सिर चढ़कर बोल रही

2. सुरेश रैना के हटने से चेन्नई की टीम पर क्या असर पड़ेगा? टीम में बदल सकता है इन खिलाड़ियों का रोल



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर के साथ मस्ती के मूड में नजर आए टीम के कोच रिकी पोटिंग।


Source From
RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget