गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह का दौरा करके चीन से चल रहे सीमा विवाद में भारत का रुख स्पष्ट कर दिया। मई की शुरुआत से ही भारत-चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर झड़पें बढ़ गई थीं। 15 जून की रात झड़प ज्यादा हिंसक हो गई और 20 वीर भारतीय सैनिक शहीद हो गए।
इसी बीच,भारत-चीन सीमा विवाद से जुड़ी अफवाहों ने भी लोगों को खूब परेशान किया। कभी ये अफवाहें फर्जी वीडियो या फोटो की शक्ल में आईं। तो कभी बड़ी हस्तियों के भारत-चीना सीमा विवाद से जुड़े फर्जी बयान वायरल किए गए। इसी बीच, दैनिक भास्कर की फैक्ट चेक टीम ने इन दावों की पड़ताल कर पाठकों तक झूठ पहुंचने से रोकने की जिम्मेदारी निभाई।
पढ़ें इस विवाद से जुड़े वे 10 बड़े दावे। जो हमारी पड़ताल में फर्जी निकले।
वायरल दावा- एक वीडियो शेयर किया गया। दावा था कि ये गलवान घाटी की उस मुठभेड़ का वीडियो है, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
सामने आई सच्चाई-यह वीडियो 2 साल पुराना निकला। इसका गलवान घाटी वाली घटना से कोई संबंध नहीं।
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वायरल दावा- चीन से चल रहे सीमा विवाद के बीच आरबीआई ने बैंक ऑफ चाइना को भारत में ब्रांच खोलने की अनुमति दी।
सामने आई सच्चाई -2 साल पहले ही बैंक ऑफ चाइना को भारत में ब्रांच शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। इसका वर्तमान सीमा विवाद से कोई संबंध नहीं।
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वायरल दावा- पीएम मोदी ने चीनी सीमा पर 41 एयरपोर्ट बनाए। जबकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह चीन के डर से 10 साल तक अरुणाचल के दौर पर नहीं गए।
सामने आई सच्चाई -अक्टूबर 2009 में डॉ मनमोहन सिंह ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। केंद्र सरकार ने चीनी सीमा पर बनी हवाई पटि्टयां या एयरपोर्ट की संख्या कभी आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की है। इस तरह दोनों दावे फेक निकले।
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वायरल दावा- चीन के हिस्से वाली पैंगोंग झील को अब भारतीय सेना ने कैप्चर कर लिया है।
सामने आई सच्चाई-दोनों देश की सरकारों या सेनाओं की तरफ से जारी किया गया, ऐसा कोई बयान नहीं मिला। दावा फर्जी निकला।
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वायरल दावा- सैनिकों की लाश का एक फोटो। दावा था कि ये गलवान घाटी में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों की लाश हैं।
सामने आई सच्चाई-यह आतंकी संगठन बोको हरम द्वारा मारे गए 105 नाइजीरियन सैनिकों की पांच साल पुरानी फोटो है। जिसे गलत दावे के साथ वायरल किया गया।
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वायरल दावा- तिरंगे में लिपटे ताबूतों की एक फोटो। जिसे 15 जून की रात गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों का बताकर शेयर किया गया।
सामने आई सच्चाई- फोटो पड़ताल में 1 साल पुरानी निकली। इसका गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों से कोई संबंध नहीं है।
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वायरल दावा- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत-चीन विवाद में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में ट्वीट किया है। ट्वीट की एक स्क्रीनशॉट भी शेयर की जा रहा था।
सामने आई सच्चाई-वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट बेंजामिन नेतन्याहू नाम के एक फर्जी ट्विटर हैंडल के हैं।
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वायरल दावा-बॉयकॉट चाइना लिखे हुए प्रोडक्ट्स का उत्पादन चीन में ही किया जा रहा है।
सामने आई सच्चाई-चीन से दूसरे देशों में प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारी ने कहा कि चीन में ऐसा करना गैरकानूनीहै। इस तरह दावा भ्रामक निकला।
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वायरल दावा-जंगी जहाजों की एक फोटो वायरल हुई। इसके आधार पर दावा किया गया कि भारत चीन के बीच चल रहे तनाव में भारत का साथ देते हुए जापान ने समुद्र के रास्ते चीन को घेर लिया है।
सामने आई सच्चाई-वायरल हो रही फोटो तीन साल पहले हुए मालाबार सैन्य अभ्यास की है। इसे गलत दावे के साथ वायरल किया गया।
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वायरल दावा- एक पत्र के आधार पर दावा किया गया कि एनएसए अजीत डोभाल ने चीनी सेना के भारतीय सीमा में प्रवेश की बात स्वीकारी है।
सामने आई सच्चाई-अजीत डोभाल ने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा। नवंबर 2019 के एक पत्र से छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर यह भ्रामक खबर फैलाई गई।
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from Dainik Bhaskar
via RACHNA SAROVAR
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