सावन में डाइजेस्टिव सिस्टम बदलने से शरीर में ताकत की कमी आती है, इसलिए खाने-पीने में ये सावधानियां जरूर बरतें

सावन आ गया है। लेकिन इस बार सावन कोरोना के बीच आया है। यह महीना तीज-त्योहारों और मेलों का है। साथ ही बारिश और पकवानों का मौसम, खेती और किसानों का मौसम भी है।
लेकिन सावन आते ही लोग पहले से कहीं ज्यादा सतर्क भी हो जाते हैं। खासकर, खाने-पीने को लेकर, सेहत को लेकर और आने-जाने को लेकर।

डाइटीशियन डॉक्टर निधि पांडेय कहती हैं कि मानसून स्टार्ट होते ही हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम थोड़ा बदल जाता है। इससे बॉडी की एनर्जी, फक्शनिंग, इफिशन्सी बदलती है। शरीर को पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसके अलावा क्लाउडी वेदर होता है तो नेचुरल विटामिन डी भी बॉडी को नहीं मिल पाता है। इससे भी बॉडी की फंक्शनिंग कमजोर हो जाती है।

इन वजहों से मानसून और खासकर सावन के महीने में खाना नहीं पचता है, इसलिए ऐसे फूड और पेय चीजें खाएं जो आसानी से डायजेस्ट हो जाएं, जिन्हें खाने से बॉडी को एनर्जी मिले।

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में रुमेटोलॉजी डिपॉर्टमेंट में एचओडी डॉ. उमा कुमार कहती हैं कि बारिश और सावन के महीने में जो लोग हाइजीन पर ध्यान नहीं देते हैं। उन्हें फंगल और गैस्ट्रो इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, फास्टिंग से बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता है। इस बार कोरोना भी है, इसलिए लोगों को और ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है, क्योंकि लोगों के सामने फ्लू और कोरोना में अंतर करने में भी परेशानी आ सकती है।

अदरक का इस्तेमाल ज्यादा करें-
डॉक्टर नीधि खाने में ज्यादा से ज्यादा अदरक के सेवन की सलाह देती हैं। कहती हैं कि अदरक बॉडी को डी-टॉक्स करता है। इससे डाइजेशन सिस्टम अच्छा रहता है। ब्लड प्रेशर की समस्या भी नहीं होती है। इसलिए सावन में अदरक की चाय सेहत के लिए सबसे बेहतर होती है। इससे सर्दी-खांसी-जुकाम होने की भी आशंका भी कम हो जाती है। यदि हुआ भी है तो हम जल्दी रिकवर कर जाते हैं।

इन चीजों पर दें ज्यादा ध्यान-

  • डॉ. उमा कहती हैं कि पर्सनल हाइजीन पर ध्यान नहीं देने से पेट खराब होने का भी ज्यादा डर होता है, खासकर स्ट्रीट वेंडर्स से खाना या फास्ट फूड खाने से।
  • बरसात में कई जगहों पर ह्यूमिडिटी बहुत ज्यादा होने से भी हाइजीन की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए खुद की साफ-सफाई पर भी बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

इन चीजों को खुद तय करें कि खाना है या नहीं-

  • डॉ. निधि कहती हैं कि प्याज-लहसून को खुद तय करें कि खाना है या नहीं। यदि इन्हें खाने में कोई दिक्कत हो रही थी तो न खाएं, यदि दिक्कत नहीं है तो खाएं। लेकिन, यदि इन्हें चटनी के तौर पर खाएंगे तो ज्यादा बेहतर होगा।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों को भी खाने से बचना चाहिए, क्योंकि मानसून के दौरान इनमें बैक्टीरिया ज्यादा होते हैं और पत्तियों में सड़न भी होती है।
  • सावन में सुबह और शाम गुनगुना पानी जरूर पीएं। ठंडी चीजों को खाने से बचें, क्योंकि ये चीजें आपकी इम्युनिटी को चैलेंज कर सकती हैं। खासकर, तब जब कोरोनावायरस चल रहा है। ज्यादातर बीमारियां इम्युनिटी कमजोर होने से ही होती हैं।

सावन में इन चीजों से बचें-

  • डॉ. उमा कुमार कहती हैं कि बारिश का मौसम है, ह्यूमिडिटी ज्यादा है, बार-बार मौसम भी बदल रहा है। इन वजहों से सेहत खराब होने का डर ज्यादा है। कोरोनावायरस भी है, इसलिए कुछ चीजों से बचना बहुत जरूरी है।
  • बनारस, अयोध्या, हरिद्वार समेत देश के कई शहरों और जगहों पर सावन के दौरान मेले भी लगते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना फैला हुआ है, ऐसे में मेलों का आयोजनतो संभव नहीं है। इसके बावजूद कहीं पर यदि छोटा-मोटा मेला लगता है, तो वहां जानें से बचें।
  • कांवड़ यात्राओं में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना है, इसलिए पहले तो कोशिश करें कि इन चीजों से बचें। यदि जाते भी हैं, तो दूर-दूर चलें। बाहर का सामान खाने से बचें।
  • बारिश में सांप भी बहुत निकलते हैं, खासकर गांवों में इसलिए बाहर निकलें तो खास ध्यान रखें, जमीन की तरफ देखकर ही चलें। घास-फूस वाले इलाकों में जाने से बचें।


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