
हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा खासतौर से की जाती है। लेकिन सावन महीने के शनिवार को भगवान हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्मग्रंथों के जानकार पं. गणेश मिश्र का कहना है कि सावन के शनिवार को हनुमान जी की विशेष पूजा करने से हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। पं. मिश्र के अनुसार स्कंदपुराण में बताया गया है कि सावन महीने के शनिवार को रुद्र मंत्रों से हनुमानजी का अभिषेक और पूजा करनी चाहिए।
पूजा विधि:गुड़हल और मदार के फूल खासतौर से चढ़ाएं
- शुक्रवार की रात में ब्रह्मचर्य का पालन करें। इसके बाद शनिवार को सुबह जल्दी उठकर नहाएं।
- बिना कुछ खाए सुबह ही जल्दीहनुमान मंदिर जाएं।
- भगवान को प्रणाम कर के मन ही मन पूजा की अनुमति मांगे।
- इसके बाद अभिषेक और विशेष पूजा का संकल्प लें।
- पानी में गंगाजल मिलाकर रूद्र मंत्रों से हनुमानजी का अभिषेक करें।
- इसके बाद तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी की मूर्ति पर लेप लगाएं।
- फिर चंदन, अक्षत और अन्य सुगंधित सामग्री चढ़ाएं। इसके अलावाहनुमान जी को गुड़हल और मदार के फूल खासतौर से चढ़ाएं।
- गुड़-चने या अन्य मिठाई का भोग लगाएं।
- आखिरी में हनुमानजी के 12 नामों का जाप करें और हनुमत्कवच का पाठ करें।
हनुमानजी के 12 नामों का श्लोक
हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:। लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
स्कंदपुराण: श्रावण शनिवार को हनुमान पूजा से नष्ट होते हैं शत्रु
इस प्रकार श्रावण महीने में शनिवार कोहनुमानजी की आराधना करने से हर तरह की बीमारियां दूर हो जाती है। मानसिक और शरीरिक रुप से मजबूती मिलती है। हनुमानजी की कृपा से कामकाज में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। सोचे हुए काम पूरे होने लगते हैं। बुद्धि और वैभव बढ़ता है। शत्रु नष्ट हो जाते हैं और प्रसिद्धि मिलती है।
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