भारत और चीन। आबादी के लिहाज से दुनिया के दो सबसे बड़े देश। दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी भी। बांग्लादेश के बाद चीन दूसरा देश है, जिसके साथ भारत की सीमा संबसे लंबी है। बांग्लादेश और भारत के बीच 4 हजार 96 किमी लंबी सीमा है और चीन के साथ 3 हजार 488 किमी लंबी।
दोनों देशों के बीच पिछले दो महीने से सीमा पर तनाव भी चल रहा है। हालांकि, सीमा पर ये तनाव नया नहीं है। आजादी के बाद से ही दोनों देशों के बीच सीमा से जुड़े मामलों को लेकर तनाव होता रहा है। दोनों देश 1962 में एक लड़ाई भी लड़ चुके हैं। हालांकि, उस लड़ाई में हमारे हाथ से अक्साई चीन निकल गया था।
भारत 1947 में आजाद हुआ और चीन में 1949 से कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है। एक समय था जब भारत और चीन की जीडीपी में ज्यादा अंतर नहीं था। 1980 में भारत की जीडीपी 186 अरब डॉलर थी और चीन की 191 अरब डॉलर। लेकिन, आज जीडीपी के लिहाज से चीन दूसरे नंबर पर है और भारत 5वें पर। दोनों की जीडीपी के बीच अब करीब 7 गुना का अंतर आ गया है।
सिर्फ जीडीपी ही नहीं बल्कि और भी कई मायनों में चीन आज हमसे कहीं ज्यादा आगे निकल गया है। उसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि चीन ने अपनी आबादी का इस्तेमाल किया और हमारे यहां ज्यादातर लोग बेरोजगार ही हैं।
5 पैरामीटर, जो बताते हैं भारत-चीन के बीच कितना अंतर है?
1. एरिया : चीन हमसे तीन गुना बड़ा
दुनिया का सबसे बड़ा देश रूस है, जो 1.70 करोड़ वर्ग किमी से ज्यादा के एरिया में फैला हुआ है। दूसरे नंबर पर कनाडा है। तीसरा नंबर चीन का है, जो 95.96 लाख वर्ग किमी में फैला है। उसके बाद अमेरिका, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया है। 7वें नंबर पर भारत है। भारत का कुल एरिया 32.87 लाख वर्ग किमी है। इस हिसाब से चीन हमसे तीन गुना ज्यादा बड़ा है।
2. आबादी : चीन में 97% से ज्यादा शिक्षित लोग
भारत और चीन की आबादी में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। चीन की आबादी 139.27 करोड़ है और भारत की 138.72 करोड़। दोनों देशों में पुरुष-महिला आबादी में भी थोड़ा अंतर है। हालांकि, सबसे बड़ा अंतर शिक्षित और अशिक्षित आबादी में हैं।
चीन की 135.56 करोड़ आबादी शिक्षित है, जबकि भारत की 76.36 करोड़ आबादी ही पढ़ी-लिखी है। भारत की 34% से ज्यादा आबादी तो अशिक्षित ही है। जबकि, चीन की महज ढाई फीसदी आबादी ही ऐसी है, जो पढ़ी-लिखी नहीं है।
भारत में चीन की तुलना में 24 साल तक की आबादी ज्यादा है। लेकिन, हमारे यहां बुजुर्ग आबादी भी चीन से ज्यादा ही है।
3. जीडीपी : चीन की जीडीपी हमसे 7 गुना ज्यादा
आंकड़ों के मुताबिक, चीन की जीडीपी 13 ट्रिलियन डॉलर यानी 1 हजार 15 लाख करोड़ रुपए है। जबकि, भारत की जीडीपी 147.79 लाख करोड़ रुपए है। न सिर्फ जीडीपी बल्कि पर कैपिटा इनकम में भी चीन हमसे तीन गुना आगे है।
चीन के लोगों की पर कैपिटा इनकम 30 हजार 733 युआन यानी 3.28 लाख रुपए से ज्यादा है और भारत में हर व्यक्ति की सालाना कमाई 1.35 लाख रुपए ही है। इसके अलावा भारत पर दिसंबर 2019 तक 40.18 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का विदेशी कर्ज है। जबकि, सितंबर 2019 तक चीन पर 15 हजार 200 करोड़ रुपए का ही विदेशी कर्ज था।
4. बजट : चीन का बजट हमसे 8 गुना ज्यादा
भारत का बजट 30.42 लाख करोड़ रुपए और चीन का 258.40 लाख करोड़ रुपए। यानी, चीन का बजट भारत के बजट के मुकाबले 8 गुना से भी ज्यादा है। इतना ही नहीं डिफेंस, एजुकेशन और हेल्थ बजट में भी चीन हमसे कई गुना आगे है।
हाल ही में चीन ने अपना डिफेंस बजट बढ़ाया था और अब उसका डिफेंस बजट 13.47 लाख करोड़ रुपए है। जबकि, भारत का डिफेंस बजट चीन की तुलना में 4 गुना कम है। इस साल भारत ने डिफेंस के लिए 4.71 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा है।
5. लेबर फोर्स : चीन के पास हमसे दोगुना कामगार
भारत में 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1% पर आ गई। ये 45 साल में सबसे ज्यादा है। जबकि, चीन में बेरोजगारी दर 3.6% है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत के पास 36.25 करोड़ की लेबर फोर्स है और चीन के पास 2019 तक 78.08 करोड़ लोग कामगार थे।
(सोर्स : वर्ल्ड बैंक, मैक्रोट्रेंड्स, लोकसभा, MOSPI, नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (चीन), पीआईबी, इकोनॉमिक सर्वे, censusindia.gov.in, worldometers, शिन्हुआ न्यूज एजेंसी (चीन), बजट डॉक्यूमेंट्स, मीडिया रिपोर्ट्स, गूगल रिसर्च)
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