क्या पीएम मोदी के दौरे के लिए लेह में कॉन्फ्रेंस हॉल को अस्पताल का रूप दिया गया? पड़ताल में सामने आया पूरा सच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को अचानक लद्दाख कादौरा किया। इस दौरान उन्होंनेभारत-चीन की सेनाओं की झड़प में घायल भारतीय सैनिकों का हाल-चाल भी लिया।पीएम ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत से सेना की आगामी स्ट्रैटेजी के बारे में समझा। इसके बाद जवानों को संबोधित किया।

पीएम मोदीके लेहदौरे के बाद से ही सोशल मीडिया पर उस अस्पताल को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। जहां जाकर वे घायल सैनिकों से मिले थे।एमएस धोनी कीफोटोके आधार पर ये दावा किया जा रहा है कि मोदी जिस अस्पताल में गए थे, वह असल में कॉन्फ्रेंस हॉल है। पीएम मोदी के दौरे के लिए कॉन्फ्रेंस हॉल को अस्पताल में बदला गया।

वायरल मैसेज में दोनों फोटो में लोकेशन की कुछ चीजों को बारीकी से हाईलाइट किया गया है। ये साबित करने के लिए कि लोकेशन एक है, बस पीएम के दौरे के लिए इसे अस्पताल बनाया गया।

दावे से जुड़े ट्वीट

वॉट्सएप्प पर इस तरह के मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे हैं

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फैक्ट चेक पड़ताल

  • सबसे पहले हमने एमएस धोनी की उसफोटोकी सत्यता जांचनीशुरू की। जिसकी तुलना मोदी के लेह दौरे से की जा रही है।
  • फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से 10 महीने पुरानी खबरें सामने आती हैं। अगस्त 2019 को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी लेह गए थे। दरअसल, धोनी को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि मिली हुई है। वे अपनी 15 दिन की आर्मी ट्रेनिंग के लिए लेह गए थे। फोटो उसी समय की है।
  • लाइव हिंदुस्तान वेबसाइट पर अगस्त 15 अगस्त, 2019 की एक खबर है। जिसमें एमएसधोनी की वही फोटो है, जो इस समय मोदी की फोटो के साथ वायरल हो रही है। यानी ये तो स्पष्ट है कि धोनी की ये फोटो लेह की ही है।
  • मोदी और धोनी के दौरे की फोटो में, कुछ चीजों को हाईलाइट करके बताया गया है कि ये एक ही जगह है। लेकिन, क्या इससे ये साबित हो जाता है कि नरेंद्र मोदी के दौरे के लिए लोकेशन को अस्पताल में बदला गया? जवाब है नहीं।
  • पीएम मोदी के दौरे से 9 दिन पहले 23 जून को आर्मी के चीफ़ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भी घायल सैनिकों से मिलने लेह पहुंचे थे। उनके दौरे की फोटो को भारतीय सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया था।फोटो भी उसी अस्पताल के हैं, जिस अस्पताल में पीएम मोदी गए थे।
  • लोकेशन भी वही है। दोनों तस्वीरों में कमरे की हर वस्तू की समानता देखी जा सकती है। इससे ये तो स्पष्ट हो गया कि सिर्फ मोदी के दौरे के लिए अस्पताल नहीं बनाया गया।
  • अब सवाल ये है कि जो जगह 10 साल पहले कॉन्फ़्रेंस हॉल थी वो अस्पताल क्यों बनी और कब बनी? इसका जवाब भारतीय सेना ने 4 जुलाई को जारी किए एक बयान में दिया है।
  • सेना के बयान के प्रमुख हिस्से का हिंदी अनुवाद है : प्रधानमंत्री मोदी जहां दौरे पर गए थे। वह अस्पताल परिसर ही है। लेकिन, जिस जगह उन्होंने घायल सैनिकों से मुलाकात की। वह जगह कोरोना काल से पहले ट्रेनिंग हॉल थी। लेकिन, संक्रमण बढ़ने के बाद अस्पताल के बड़े हिस्सो को आइसोलेशन वॉर्ड में बदलना पड़ा। यही वजह है कि इस ट्रेनिंग हॉल का उपयोग गलवान घाटी से आए घायल सैनिकों को ठहराने में किया गया।

निष्कर्ष : लेह के आर्मी हॉस्पिटल के कॉन्फ्रेंस हॉल को मोदी के दौरे के लिए वॉर्ड में नहीं बदला गया। बल्कि कोरोना संक्रमण के चलते गलवान घाटी से आए घायल जवानों को कॉन्फ्रेंस हॉल में रखा गया।



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Fact check _ Leh's conference hall has not been converted into a hospital for PM Modi's visit


from Dainik Bhaskar
via RACHNA SAROVAR
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