कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ रहा है। वहीं, सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो वर्क फ्रॉम विलेज के मॉडल पर बढ़ रही है। कंपनी ने हाल ही में चेन्नई से 650 किमी दूर तेनकासी जिले केे सुंदरई गांव में नया ऑफिस शुरू किया है। यहां 20 कर्मचारी काम कर रहे हैं। दक्षिण भारत के छोटे गांवों में यह उसका तीसरा ऑफिस है।
कंपनी जल्द ही 7 और विलेज ऑफिस खोलने जा रही है। 2016 में तेनकासी के मत्थलमपराई गांव में पहला विलेज ऑफिस शुरू किया था, अब यहां 500 कर्मचारी काम कर रहे हैं। एक ऑफिस आंध्र के चित्तूर जिले के रेनीगुंटा में है, जिसमें 120 कर्मचारी हैं।
यह आइडिया कंपनी के सीईओ श्रीधर वेंबू का है
दुनियाभर में 9300 कर्मचारियों वाली कंपनी जोहो के टेक्नोलॉजी डायरेक्टर राजेंद्रन दंडपानी बताते हैं कि वैसे तो अमेरिका, जापान, चीन, सिंगापुर, मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड्स और यूएई में भी हमारे ऑफिस हैं, लेकिन अब हम अपने ठिकाने छोटे-छोटे गांवों में बना रहे हैं। यह आइडिया कंपनी के सीईओ श्रीधर वेंबू का है।
सीईओ श्रीधर नौकरी के लिए पलायन को ठीक नहीं मानते
तेनकासी में शिफ्ट होने से पहले श्रीधर सैन जोस के दफ्तर से कंपनी संभालते थे। उन्होंने 1989 में आईआईटी मद्रास से ग्रेजुएशन और इसके बाद अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। वे नौकरी के लिए गांव से शहर के पलायन को ठीक नहीं मानते हैं।
श्रीधर कर्मचारियों को दबाव भरी जीवनशैली से मुक्त रखना चाहते हैं
कर्मचारियों को शहरों की दबाव भरी जीवनशैली से भी मुक्त रखना चाहते हैं। इसलिए जब उन्होंने तेनकासी में ऑफिस शुरू करने का विचार साझा किया तो सबसे पहले हमारे वो कर्मचारी आधी सैलरी में काम करने के लिए तैयार हुए, जो तेनकासी या आसपास के जिलों के रहने वाले थे। दंडपानी कहते हैं कंपनी ने जोहो स्कूल खोला है, जहां लोगों को स्किल की ट्रेनिंग दी जाती हैं। इनसे फीस नहीं ली जाती है। 800 छात्र यहां से ग्रेजुएट होकर कंपनी से जुड़ चुके हैं।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar
via RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS
Post a Comment