सावन की शुरुआत 6 जुलाई से, लेकिन सोमनाथ सहित 7 ज्योतिर्लिंगों के लिए 21 जुलाई से शुरू होगा सावन महीना

6 जुलाई से सावन महीना शुरू हो रहा है। लेकिन, ये 12 में से 5 ज्योतिर्लिंग के लिए ही है। अन्य 7 ज्योतिर्लिंगों के लिए सावन महीने की शुरुआत 21 जुलाई से होगी। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि ऐसी स्थिति हिंदू पंचांग की व्यवस्था के कारण हर साल बनती है। देश के उत्तर, मध्य और पूर्वी राज्यों में पूर्णिमा के बाद नए हिंदी महीने की शुरुआत होती है। इसे पूर्णिमांत महीना कहा जाता है। मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इसमें शामिल हैं। यहां 6 जुलाई से सावन मास शुरू होगा।

  • पं. मिश्र ने बताया कि पश्चिम और दक्षिण भारत में अमावस्या के अगले दिन से नया महीना शुरू होता है। जिसे अमांत महीना कहते हैं। इस वजह से हर साल गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत में 15 दिन की देरी से सावन की शुरुआत होती है। इन राज्यों में 7 ज्योतिर्लिंग आते हैं, यहां 21 जुलाई से सावन शुरू होगा। इनके अलावा नेपाल और इसके पास के भारतीय राज्यों के साथ हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सौर कैलेंडर के अनुसार त्योहार मनाए जाते हैं। इसलिए इन जगहों में सावन की तारीखें अलग-अलग होती हैं।

7 ज्योतिर्लिंग, जहां 21 जुलाई से शुरू होगा सावन

अमांत कैलेंडर के कारण गुजरात के सोमनाथ और नागेश्वर, महाराष्ट्र के भीमाशंकर, त्र्यंब्यकेश्वर और घ्रुश्मेश्वर, आंध्रप्रदेश के मल्लिकार्जुन, तमिलनाडु के रामेश्वर ज्योतिर्लिंग में सावन की शुरुआत 21 जुलाई से हो रही है और इसका आखिरी दिन 19 अगस्त को रहेगा। यहां सावन के सोमवार भी चार ही होंगे।

5 ज्योतिर्लिंग जहां सावन रहेगा 6 जुलाई से

पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार मध्यप्रदेश के महाकाल और ओंकारेश्वर, उत्तराखंड के केदारनाथ, उत्तरप्रदेश के काशी विश्वनाथ, बिहार के वैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग की पूजा के लिए सावन महीने की शुरुआत 6 जुलाई से हो रही है। इसका आखिरी दिन 3 अगस्त रहेगा।


नेपाल के पशुपतिनाथ
नेपाल, हिमाचल और उत्तराखण्ड के कुछ हिस्सों में सावन महीने की शुरुआत 16 जुलाई से होगी और इसका आखिरी दिन 15 अगस्त को रहेगा। इन जगहों पर सौर कैलेंडर के अनुसार त्योहार मनाए जाते हैं।

15 दिनों का अंतर लेकिन त्योहारों की तारीख एक
देश के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में अमांत कैलेंडरर के कारण और पूर्णिमांत कैलेंडर के कारण सावन की तारीखों में 15 दिन का अंतर रहता है। लेकिन रक्षाबंधन, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली और होली जैसे त्योहारों की तारीखें एक ही रहती हैं। उत्तर और मध्य भारत में जहां रक्षाबंधन पर्व सावन के आखिरी दिन मनाया जाता है। वहीं दक्षिण और पश्चिमी राज्यों में सावन के बीच में ये पर्व मनाया जाता है। लेकिन, तारीख में बदलाव नहीं होता है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Hindu Calendar Sawan Somvar Vrat Start Date 2020 | Sawan Month Start From 21st July, Know Date In Jyotirlingas and Nepal Pashupatinath Temple


from Dainik Bhaskar
via RACHNA SAROVAR
CLICK HERE TO JOIN TELEGRAM FOR LATEST NEWS

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget